सुबह चाय पीते समय
चाय की प्याली में देखा तो
तूफान नहीं
कोहरा छाया हुआ था
गौर से देखा तो
पता चला कि कोहरा भी नहीं
खून के धब्बे पर बर्फ पड़ा था
कल ही मुत्तंगा में आदिवासियों को पुलिस
ने कुचल दिया था
अपने जमीन में रहने का
हक भी नहीं है उन्हें!!
आदिवासी ही तो वनवासी है
उन्हें वन में नहीं रहने देंगे
तो कहाँ जाएँगे?
देंगे आप अपने जमीन-जायदाद उन्हें ?
मैं बात को समझे बिना
उत्तेजित नहीं हो रहा हूँ
कांप उठा हाथ तो
प्याली से चाय नीचे के
अखबार पर गिरा
अब कैसे जानूँ कि
मुत्तंगा में क्या घटा होगी?
फिर लगा, जानना क्या इतना तो है
जीना है तो लड़ना होगा!!!'
*केरल के वयनाड जिला की एक जगह, जहाँ पर आदिवासियों को उनकी अपनी जमीन से बाहर कर दिया गया था।